Tagged: Poem

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Us Raste Se Na Jana

  Us Raste Se Na Jana (उस रास्ते से न जाने) This Poem is Dedicate To Children Who Died In Peshawar Pakistan उस रास्ते से न जाने आज कितनी ही हस्सी गायब है गूंजा करती थी...

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अंतर्द्वंद Antradvand By Dr. Sachidanand Kaveeshvar

             अंतर्द्वंद सुबह के घने कोहरे में, दूर – बहुत दूर मेरी मंज़िल एक धुंधली परछाई  की तरह नज़र आ रही थी। छत पर चढकर देखा ​तो ​ एक ​रौशन ​इमारत नज़र आई लगा...